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लेखनी प्रतियोगिता –*जलेबी* -19-Sep-2024

*जलेबी*
सब को मन भाती मैं 
टेढ़ी मेढ़ी बनती मैं 
बच्चों को खूब पसंद मैं 
  बिना दांत के दादा कि दुलारी मैं 

जीभ कि चाहत मैं 
गले कि तरावट मैं 
कड़वे कि दुश्मन मैं 
मुंह का स्वाद बढ़ाती मैं 

चासनी कि सहेली मैं 
एक दूजे के बिना अधूरी मैं 
गरमा गरम सबकी पसंद मैं 
दूध का  क्षृंगार मैं

बुझे तो जाने कोन हूं मैं 
नाश्ते का क्षृंगार  मैं 
सब कि मिठास मैं 
हां जनाब *जलेबी* हूं मैं 
हां जनाब *जलेबी* हूं मैं ll

विजय पोखरणा "यस"

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4 Comments

Babita patel

17-Jan-2025 07:13 PM

👌👌

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kashish

29-Sep-2024 01:15 PM

Awesome

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madhura

22-Sep-2024 11:24 AM

Amazing sir

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